गुजरात प्रशासनिक सुधार आयोग (GARC) की पांचवीं रिपोर्ट जारी हो गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ और कुशल बनाना है। रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं:
सिंगल पोर्टल और सिंगल साइन ऑन (SSO) सिस्टम: नागरिकों को सभी प्रकार की सरकारी सेवाएं एक ही पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होंगी। उन्हें एक ही यूजर आईडी (SSO) का उपयोग करके सभी सेवाओं तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी, जिससे बार-बार लॉग इन करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
वीसीई (ग्राम कंप्यूटर उद्यमी) की भूमिका को मजबूत करना: ग्रामीण क्षेत्रों में विलेज कंप्यूटर एंटरप्रेन्योर्स (वी.सी.ई.) की भूमिका को और मजबूत किया जाएगा। ये सहायक कर्मचारी उन नागरिकों की मदद करेंगे जो स्वयं ऑनलाइन आवेदन करने में सहज नहीं हैं।
जानकारी की पुनरावृत्ति से मुक्ति: एक ऐसी व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया गया है जहाँ नागरिकों को सेवाओं के लिए बार-बार एक ही जानकारी देने की ज़रूरत न पड़े। प्राथमिक पहचान और निवास की जानकारी एक बार दर्ज होने के बाद, उसे डिजीलॉकर सेवा से जोड़कर विभिन्न सेवाओं के लिए स्वचालित रूप से उपयोग किया जा सकेगा।
डिजिटल गुजरात 2.0 पोर्टल: GARC ने "डिजिटल गुजरात 2.0" पोर्टल विकसित करने की सिफारिश की है। यह पोर्टल आवेदनों का इंतजार किए बिना नागरिकों की ज़रूरतों का अंदाज़ा लगा सकेगा और उनकी पात्रता, सामाजिक कल्याण योजनाओं और जीवन चक्र के अनुसार मार्गदर्शन प्रदान करके स्मार्ट अलर्ट सिस्टम के ज़रिए सेवाओं को उन तक पहुंचाएगा।
लोक सेवा केंद्रों का विस्तार: राज्य में तालुकाओं की संख्या बढ़ने पर प्रत्येक तालुका में एक, कुल 291 लोक सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर 291 मामलतदार, इतने ही उप मामलतदारों और 54,122 ऑपरेटरों को तैनात किया जाएगा ताकि विशेष डेटा अपलोड और सरकारी सेवाओं के वितरण और आवेदन स्वीकृति का कार्य सुचारु रूप से चल सके।
दस्तावेज़ीकरण का सरलीकरण: जहां सेवाओं की आवश्यकता न हो, वहां आवेदनों में दस्तावेज़, स्टांप और टिकट लगाने पर रोक लगाने का भी सुझाव दिया गया है, ताकि काम का बोझ कम हो सके।
GARC ने सरकार को कुल 12 सिफारिशें की हैं, जिनके आधार पर आने वाले समय में राज्य में बड़े प्रशासनिक बदलाव देखने को मि
लेंगे।

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